यूरोप में आधुनिक काल में की प्रमुख विशेषताएँ || Main characteristics of the modern era in Europe

 यूरोप में आधुनिक काल में की प्रमुख विशेषताएँ


प्रस्तावना - किसी भी देश के इतिहास को सामान्यत: तीन भागों में बांटा जाता है ठीक उसी प्रकार यूरोपीय इतिहास को भी तीन भागों में बांटा गया है जिसकी पृथक स्वतंत्र मौलिक विशेषताएँ हैं। यूरोप में आधुनिक युग का आरंभ 1453 ईस्वी से माना जाता है क्योंकि इस वर्ष तुर्क आक्रमणकारियों ने "बेजेंटाइन साम्राज्य की राजधानी क़ुस्तुंतुनिया" पर आक्रमण कर उसका अंत कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप क़ुस्तुंतुनिया में निवास करने वाले यूनानी जो कला, सभ्यता - संस्कृति, व्यापार सभी दृष्टांतों में सम्पन्न थे उन्होंने इटली में शरण ली जो पहले से पुनर्जागरण का केंद्र था अत: 1453 ईस्वी को यूरोप में आधुनिक का आरंभ माना जाता है।

• सामन्तवाद की समाप्ति - यूरोप में आधुनिक युग के आरंभ से पूर्व मध्यकाल में समन्तवादी व्यवस्था प्रचलित थी।इस सामंतवादी व्यवस्था ने किसानों की स्थिति को अत्यन्त शोचनीय बना दिया था जिस कारण भिन्न-भिन्न समय पर किसान एवं सामंत वर्ग के मध्य विद्रोह होते रहे। यह एक ऐसी व्यवस्था थी जिससे "शासक एवं जनता" दोनों ही परेशान थे अत: कालान्तर में कुछ ऐसे शक्तिशाली शासकों का उदय हुआ जिन्होंने अपनी राजकीय शक्ति में वृद्धि कर सामंतो का दमन कर सामंतवादी व्यवस्था को समाप्त किया जिसमें "हेनरी सप्तम" का नाम उल्लेखनीय है।

• बौद्धिक विकास - यूरोप में आधुनिक युग का आरंभ "बौद्धिक नवजागरण" के साथ हुआ।आधुनिक काल आरंभ होने से पूर्व मध्ययुग 'अज्ञानता एवं अन्धकार' का समय था जहां समाज में बौद्धिक विकास के साधन उपलब्ध न थे परिणामत: नागरिकों में तर्क - वितर्क की क्षमता विद्यमान न थी किंतु आधुनिक युग के साथ शिक्षा का विकास हुआ जिससे जनता में व्याप्त अंधविश्वास समाप्त होने लगा जिसके परिणामस्वरूप यूरोपीय लोगों में बौद्धिकता एवं तार्किकता का विकास हुआ।

• राष्ट्रीयता की भावना का उदय - मध्यकालीन यूरोप में समस्त "ईसाई जगत" राजनीतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से एक इकाई माना जाता था और उस समय राज्य का शासन राजा एवं पोप के अधीन था तथा राजनीतिक क्षेत्र में राजा एवं धार्मिक क्षेत्र में पोप प्रमुख माना था किंतु कालान्तर में पोप राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करने लगे थे अत: आधुनिक युग के आगमन के साथ परिस्थितियों में परिवर्तन हुआ तथा यूरोप में सामंतों के पतन के परिणामस्वरूप राजा एवं जनता के मध्य सीधा - संबंध स्थापित हुआ अत: यूरोप के देशों में राष्ट्रीयता की भावना का संचार हुआ।

• राष्ट्र भाषा व साहित्य का विकास - मध्ययुगीन यूरोप में पोप का प्रभूत्व होने के कारण "लैटिन भाषा" उस समय सर्वप्रमुख भाषा थी। किंतु आधुनिक युग के आगमन के साथ जब पोप का प्रभूत्व घटने लगा तो "राष्ट्रीय भाषा व साहित्य" को विकसित होने का अवसर मिला जिसके परिणामस्वरूप साहित्य का विकास हुआ तथा साहित्यकारों, लेखकों व सुधारकों ने अपनी पुस्तकें राष्ट्र भाषा में लिखी जिनमें मार्टिन लूथर द्वारा बाइबिल का जर्मन अनुवाद तथा विलियम शेक्सपीयर का नाम उल्लेखनीय है।

• व्यक्तिवाद का विकास - आधुनिक काल के आरंभ से पूर्व व्यक्ति का समाज में कोई महत्व न था तथा जनता की स्थिति अत्यन्त कष्टप्रद थी किंतु आधुनिक युग के आगमन के साथ व्यक्ति का महत्व बढने लगा व व्यक्तहित सर्वोपरि हो गया जिसके परिणामस्वरूप सामंतशाही का अंत हुआ।

• छापेखाने का आविष्कार - छापेखाने का आविष्कार सर्वप्रथम जर्मनी में गुटेनबर्ग ने किया था जो आविष्कार अत्यन्त महत्वपूर्ण साबित हुआ क्योंकि इसने शिक्षा के प्रसार में अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया व इस आविष्कार के परिणामस्वरूप पुस्तकों की संख्या में वृद्धि तथा मुल्यों में कमी आयी जिससे जनता का बौद्धिक विकास संभव हुआ।

• धार्मिक आंदोलन - इसके अंतर्गत शिक्षा के प्रसार के कारण जनता की तर्कशक्ति इतनी बढ़ गई थी कि वे अब पोप की आज्ञाओं पर पहले जैसे आंख बंद कर विश्वास करने को तैयार न थे इसी समय जर्मनी के अनेक धर्म सुधारक हुए जिनमें "मार्टिन लूथर" का नाम प्रमुख है जिन्होनें नवीन धर्म या सम्प्रदाय की स्थापना जिसे "प्रोटेस्टेन धर्म" कहा गया जो कि धार्मिक क्षेत्र में उस समय एक महान उपलब्धि थी।

• साम्राज्यवाद का जन्म - इसके अंतर्गत नवीन समुंद्री मार्गो के खोज के परिणामस्वरूप नवीन देशों अर्थात भौगोलिक क्षेत्रों की खोज होने लगी तथा लोग नवीन देशों से व्यापरिक संबंध स्थापित कर वहां अपने उपनिवेश स्थापित कर, अपनी सैन्य शक्ति मे अभिवृद्धि की जिससे साम्राज्यवाद की भावना जन्म हुआ जिसने भविष्य में अनेक युद्धों को जन्म दिया।

• समाजवाद का जन्म - आधुनिक युग के आगमन के साथ - साथ यूरोप के "सामाजिक व आर्थिक स्थिति" पर भी प्रभाव पड़ा और उपनिवेशों की स्थापना से व्यापार संबंध स्थापित हुए एवं यूरोप में उद्योगों का विकास हुआ किंतु इसके नकारात्मक परिणामस्वरूप समाज दो वर्ग में बंट गया - प्रथम पूंजीपति वर्ग द्वितीय श्रमिक वर्ग जिसने समाजवाद को जन्म दिया जो आधुनिक युग का एक क्रांतिकारी परिवर्तन था।

• अस्त्र-शस्त्रों का विकास - आधुनिक युग की एक अन्य प्रमुख विशेषता "तोप एवं बंदुको का आविष्कार" था, जिसने आधुनिक काल को अत्यन्त महत्त्व पूर्ण बना दिया। शासकों ने बारुद के प्रयोग पर सरकारी अधिकार की घोषणा कर दी एवं जनता के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया जिससे राजा की शक्ति मे अभिवृद्धि हुई जिससे सुदृढ राजतंत्र की स्थापना करने में शासकों को सफलता मिली।

• वैवाहिक संबंध - इस युग में शासकों ने अपने साम्राज्य - विस्तार की उद्देशयपूर्ति हेतु परस्पर वैवाहिक संबंध स्थापित करने का प्रचलन आरंभ किया जिसका उद्देशय सामंतों की शक्ति पर अंकुश लगा उन पर नियंत्रण स्थापित करना था इस प्रकार की प्रथा में "हेनरी सप्तम" का नाम उल्लेखनीय है।

• निष्कर्ष - उपरोक्तलिखित विवरणानुसार यह ज्ञात होता है कि आधुनिक काल मध्यकालीन अंधकार को दुर करने वाला वह समय था जिसमें मध्यकाल की तुलना में प्रत्येक क्षेत्र में विकास हुआ जिसके परिणामस्वरूप यूरोप में साहित्य के क्षेत्र में छापेखाने का आविष्कार, खोज एवं अनुसंधान के क्षेत्र में नवीन भौगोलिक मार्गो की खोज हुई, स्थापत्य एवं कला का विकास हुआ, इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र का आधुनिककाल में उत्तरोत्तर विकास हुआ जिसने आधुनिक यूरोप को एक नई दिशा प्रदान की।


संदर्भ ग्रंथ सुची - साहित्य भवन प्रकाशन

लेखक का नाम - डॉ.ए.के.मित्तल

संस्करण - 2021




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