|| आधुनिक राजनीति विज्ञान ||
रूपरेखा - प्रस्तावना
- अर्थ
- परिभाषा
- आधुनिक राजनीति विज्ञान का विषय-क्षेत्र
- आधुनिक राजनीति विज्ञान की प्रकृति
- निष्कर्ष
प्रस्तावना - परम्परागत राजनीति विज्ञान की परिभाषाओं में राजनीति विज्ञान को प्राचीन राजनीतिज्ञओं ने "राज्य एवं सरकार" का अध्ययन बतलाया है। किंतु आधुनिक राजनीतिज्ञ 'राजनीति विज्ञान' की इस परिभाषा को अपर्याप्त मानते हैं तथा उनका विचार है कि पुरानी परिभाषाएं प्राचीन दृष्टिकोण की प्रतीक हैं जिसमें राजनीति विज्ञान में "राज्य की संरचना एवं सरकार की कार्यप्रणाली" पर विशेष बल दिया गया है जिसके परिणामस्वरूप राजनीति विज्ञान का अध्ययन आज एक औपचारिक अध्ययन मात्र बनकर रह गया है जिसमें राजनीतिक शक्तियों के उन प्रभावी तथ्यों के अध्ययन पर ध्यान नहीं दिया गया है जो सरकार की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं।
अर्थ - राजनीति विज्ञान का आंग्ल पर्यायवाची शब्द "Politics" है जो युनान के लैटिन भाषा के Polish शब्द से बना है जिसका अर्थ "नगर - राज्य" है। प्राचीन समय में युनान में Polish शब्द का प्रयोग छोटे - छोटे नगर - राज्य हेतु किया जाता था क्योंकि उस समय वर्तमान समय के समान बडे एवं विस्तृत राज्य न थे।
परिभाषा - लॉसवेल एवं कैपलॉन के अनुसार, "एक अनुभाविक खोज के रूप में राजनीति विज्ञान शक्ति के निर्धारण और सहभागिता का अध्ययन करता है।"
आधुनिक राजनीति विज्ञान का विषयक्षेत्र
• राजनीति विज्ञान : मानवीय क्रियाओं का अध्ययन - अनुभववादी तथा व्यवहारवादी राजनीतिज्ञ के अनुसार, राजनीति विज्ञान मूलरूप से "मनुष्य के राजनीतिक जीवन, क्रियाकलाप तथा मानव के राजनीतिक जीवन से संबंधित सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं अन्य पक्षों" का अध्ययन करने वाला विज्ञान है परंतु राजनीति विज्ञान मुख्य रूप से मानव के सामुदायिक जीवन के राजनीतिक पहलूओं का अध्ययन करता है। इस प्रकार राजनीति विज्ञान के व्यवहारवादी विद्वानों का तात्पर्य है कि राजनीति विज्ञान वह विज्ञान है जो मानव के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है।
• राजनीति विज्ञान : शक्ति का अध्ययन - समकालीन आधुनिक राजनीति शास्त्रियों व विद्वानों ने "शक्ति" को राजनीति विज्ञान की केन्द्रीय संकल्पना माना है तथा लॉसवेल, मैक्सवेबर मेरियम आदि विद्वानों ने 'शक्ति' को एक ऐसी बुनियादी संकल्पना माना जो राजनीति विज्ञान के सभी क्षेत्रों को एक सूत्र में पिरो देती है।
हाटकिंस के अनुसार, "राजनीति विज्ञान केवल राज्य या विशिष्ट संस्थाओं मात्र का ही अध्ययन नहीं है अपितु शक्ति की समस्याओं में अन्तर्ग्रस्त सभी समुदायों की गवेष्णा है।"
• राजनीति विज्ञान : राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन - राजनीति विज्ञान में "राजनीतिक व्यवस्था के अध्ययन सिद्धांत" का प्रयोग उसके परिवर्तित क्षेत्र का परिचायक है जिसका प्रयोग अनुभववादी दृष्टिकोण के पूरक के रूप में किया गया है। "राजनितिक व्यवस्था के अध्ययन सिद्धांत" के समर्थकों का कहना है कि राजनितिक विज्ञान संपूर्ण समाज का एक अभिन्न अंग है एवं स्वयं समाज के विभिन्न प्रकारों का बोध आने वाला एक विज्ञान है। इस प्रकार व्यवस्था सिद्धांत के समर्थक राजनीति विज्ञान के अध्ययन क्षेत्र में राज्य, सरकार, कानून संविधान के स्थान पर "सामाजिक एवं राजनीतिक प्रक्रिया, प्रक्रिया को प्रकट करने वाली संरचनाओं का अन्तःसम्बन्ध एवं मनुष्य के राजनीतिक व्यवहार आदि के अध्ययन पर बल देते हैं।
• राजनीति विज्ञान : निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन - कुछ विद्वान राजनीति विज्ञान को "निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन" कराने वाला विज्ञान या अवधारण मानते है। निर्णय निर्माण मानव जीवन का एक सार तत्व है जो हमारी सम्पूर्ण निर्णय प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण भाग है इस प्रकार यदि राजनीति विज्ञान सरकार का अध्ययन है व सरकार का मुख्य कार्य निर्णय - निर्माण है तो राजनीति विज्ञान को निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन कहा जा सकता है।
आधुनिक राजनीति विज्ञान की प्रकृति
आधुनिक राजनीति विज्ञान जिसे नवीन राजनीति विज्ञान भी कहते हैं इसका उदय व्यवहारवादी क्रांति के बाद एवं इसका स्वरूप द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात ही संपूर्ण विश्व के समक्ष आया है जो परम्परागत राजनीति शास्त्र से स्वयं को भिन्न बतलाता है।
• व्यवहारवादी - परम्परागत राजनीति विज्ञान के विपरीत आधुनिक राजनीति विज्ञान व्यवहारवादी है। यह विज्ञान शासन के ढाँचे और उसकी संस्थाओं के अध्ययन से भिन्न मानव के समस्त राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है जिसके फलस्वरूप आज राजनीति विज्ञान के अध्ययन का मुख्य विषय राज्य और उसके संस्थाओं के स्थान पर "मानव का राजनीतिक व्यवहार" हो गया है जो राज्य से परे की राजनीति पर जोर देता है।
• वैज्ञानिकता - आधुनिक राजनीति शास्त्री आज राजनीति विज्ञान को पूर्ण रूप से एक वैज्ञानिक और सटिक विषय बनाना चाहते हैं। वे आज विश्व के किसी भी कोने में घटित राजनीतिक घाटनाओं एवं तथ्यों को वैज्ञानिकता की कसौटी पर कस कर उनकी जांच करते हैं। वे प्राकृतिक विज्ञान तथा अन्य सामाजिक शास्त्र से अध्ययन के नित - नये तकनीकों को लेकर राजनीतिक विज्ञान में उनका प्रयोग करते है।
• मुल्यविहीन - आधुनिक राजनीति विज्ञान को प्राय: मुल्यविहीन कहकर पुकारा जाता है क्योंकि इसका प्रयास राजनीति विज्ञान को एक वैज्ञानिक एवं सटिक विषय का बनाना है इसलिए आधुनिक राजनीति विज्ञान विशेष रूप से उन्हीं मानवीय मुल्यों के अध्ययन पर जोर देता है जिनको कोई स्थान नहीं देता जैसे -: नैतिकता, स्वतन्त्रता, भातृत्व आदि। तथा आधुनिक राजनीति विज्ञान उन्हीं घटनाओं और तथ्यों को अपने अध्ययन का विषय बनाता है जिन्हें या तो वह देख सकता है या जिन घटनाओं को भविष्य में देखा जा सकता है।
• अध्ययन मुक्ता - आधुनिक राजनीति विज्ञान के विद्वान आज परम्परागत सीमाओं को छोड़ कर अध्ययन करते हैं। वे विश्व में प्रत्येक राजनीतिक तथ्य और घटनायें जहां उपलब्ध है चाहे वह समाजशास्त्र के अंतर्गत हो, चाहे वह अर्थशास्त्र के अंतर्गत हो या घर - परिवार एवं धर्म के विरोध में हो आज सभी राजनीति विज्ञान के अध्ययन के विषय बन गए हैं। यहाँ तक कि मनुष्य में विकसित राजनीति प्रवृत्तियों का सर्वेक्षण और शोध भी आधुनिक राजनीति विज्ञान के अध्ययन का विषय बन गया है।
• शोध एवं सिद्धांत में घनिष्ठ संबंध - वैज्ञानिक पद्धति के प्रयोग द्वारा आज राजनीति - वैज्ञानिक "साधारणीकरण, व्याख्याओं तथा सिद्धांतो के निर्माण" में लगे रहते हैं जिनका निर्माण आज कठोर शोध प्रक्रियाओं पर आधारित हैं। इस प्रकार शोध और सिद्धांत आज एक दूसरे के बिना निरर्थक माने जाते हैं जिसका कारण सिद्धांत निर्माण की प्रक्रिया अब शोधोन्मुखी है इस प्रकार आज आधुनिक राजनीति शास्त्रियों का एकमात्र उद्देश्य राजनीति विज्ञान के सैद्धांतिक प्रतिमानों को विकसित करना है जिनका जिनके संबंध में खोज वे करते रहते हैं और उनका विश्लेष्ण करते हैं।
• एक मौलिक समाज विज्ञान के रूप में उदय - आधुनिक राजनीति विज्ञान के अध्ययनकर्ता आज राजनीति विज्ञान को एक समाज विज्ञान की कड़ी के रूप में विकसित करना चाहते हैं ताकि वे विभिन्न विषयों को महत्तवपूर्ण दिशा निर्देश दे सकें।
निष्कर्ष - उपरोक्त लिखित विवरणाअनुसार यह ज्ञात होता है कि आधुनिक राजनीति विज्ञान पूर्णत: व्यवहारवादी है जिसके अंतर्गत आधुनिक राजनीति विज्ञान के अध्ययनकर्ता के उपरोक्त लिखित तथ्यों एवं विषयों को ही राजनीतिक विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र मानते हैं तथा उनके मतानुसार आधुनिक राजनीति विज्ञान, परम्परागत राजनीति विज्ञान की तुलना में पूर्णता: वैज्ञानिक जो तर्कसम्मत है।
संदर्भ ग्रंथ सूची - साहित्य भवन प्रकाशन
लेखक का नाम - डॉ पुखराज जैन
संस्करण - 32वां पूर्णत: संशोधित संस्करण : 2022
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